काला जादू शत्रु मारण प्रयोग

काला जादू शत्रु मारण प्रयोग, किसी शत्रु से निपटने के लिए आप काला जादू शत्रु मारण प्रयोग का सहारा ले सकते हैं| आपको ध्यान रखना होगा कि इस प्रयोग को उसी पर करें जो आपको बेवजह परेशान कर रहा हो| किसी मासूम पर इसका प्रयोग न करें वरना परिणाम बहुत घातक हो सकता है|

अगर कोई व्यक्ति आपको परेशान कर रहा है और आपका अहित करना चाहता है तो आपको हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाना चाहिए| हनुमान जी शत्रु का नाश करते हैं और प्रेत बाधाओं से भी आपको बचाकर रखते हैं| हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का जाप करें और उन्हें लाल रंग का गुलाब चढ़ाएं|

काला जादू शत्रु मारण प्रयोग मंगलवार या शनिवार के दिन इस तरह किया जा सकता है| इस दिन आप हनुमान जी के मंदिर जाकर उनके मस्तक से थोड़ा सिंदूर निकालकर ले आयें| अब एक मोर पंख लेकर उस पर इस सिंदूर से अपने शत्रु का नाम लिख दें| इस मोर पंख को अपने घर में पूजा के स्थल पर रखें|

अगले दिन जब आप सोकर उठें तो इस मोर पंख को उठाकर किसी नदी में प्रवाहित कर दें| इस प्रयोग से आपका शत्रु पूरी तरह शांत हो जायेगा और वह कभी आपका अहित नहीं कर पायेगा|

काला जादू शत्रु मारण प्रयोग

काला जादू शत्रु मारण प्रयोग

आप लौंग से भी काला जादू शत्रु मारण प्रयोग कर सकते हैं| शनिवार को रात में बारह बजे के बाद 7 लौंग लेकर उन्हें अपने सामने रखें| अब 21 बार अपने शत्रु का नाम लेकर उन सातों लौंग पर फूंक मारें|

अब अगले दिन इन सभी लौंग को आप आग में जला दें| इस प्रयोग को आप लगातार 7 शनिवार करें| इससे आपके शत्रुओं का नाश होगा और वे कभी भी आपका अहित करने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे|

मारण कर्म का प्रयोग

यदि आपके जीवन में शत्रुओं की संख्या बढ़ गई है तो आपको मारण कर्म का प्रयोग करके शत्रुओं का नाश करना चाहिए| जब तक आप लोगों के मन मुताबिक कार्य करते हैं तब तक तो ये लोग आपकी खूब वाहवाही करते हैं लेकिन जैसे ही आप खुद पर ध्यान देने लगते हैं लोगों को तकलीफ होने लगती है| यही तकलीफ या जलन आगे चलकर दुश्मनी में बदल जाती है|

यदि आप भी शत्रु भय के कारण अपने जीवन को ठीक से नहीं जी पा रहे हैं तो आपको जल्द ही मारण कर्म का प्रयोग करके शत्रुओं को नष्ट कर देना चाहिए| शत्रु अगर आपके बलवान हैं तो वे कभी न कभी आपके ऊपर हमला ज़रूर करेंगे, इसलिए आपको पहले ही सतर्क हो जाना चाहिए|

अगर आपका शत्रु आये दिन आपके सामने एक के बाद एक मुश्किलें पैदा कर रहा है तो आप एक भोजपत्र लेकर उस पर लाल रंग के चन्दन से उसका नाम लिख दें| एक डिब्बी में थोड़ा सा शहद भर दें और इस भोजपत्र को भी इस डिब्बी में शहद के साथ ही रख दें| ये मारण कर्म का प्रयोग शत्रु को शांत कर देगा और उसके द्वारा आपके खिलाफ़ की जाने वाली हर साजिश असफल हो जाएगी|

आप मारण कर्म का प्रयोग उड़द की दाल से भी कर सकते हैं| आप काली उड़द के 38 दाने और 40 साबुत चावल के दाने लें| अब एक गड्ढा खोदकर उसके अन्दर दोनों को मिलाकर डाल दें| इनके ऊपर एक नींबू को काटकर निचोड़ दें|

ऐसा करते समय उस शत्रु का नाम लेते जाएँ जो आपको परेशान कर रहा है| इसके बाद गड्ढे को मिट्टी से ढंक दें| इस प्रयोग को करने के बाद कभी भी शत्रु आपका अहित नहीं कर पायेगा बल्कि वह आपसे भयभीत रहने लगेगा|

पुतला मारण मंत्र

पुतला मारण मंत्र का प्रयोग तभी करें जब आपके पास इसके अलावा दुश्मन को रोकने का कोई और उपाय न हो| पुतला मारण मंत्र बहुत ही खतरनाक होता है इससे दुश्मन बीमार हो जाता है और धीरे धीरे मर जाता है| जब आप हर तरह का उपाय करने के बाद भी दुश्मन को शांत नहीं कर पा रहे हों तब ही पुतला मारण मंत्र का इस्तेमाल करें|

मंत्र इस प्रकार है – ओम अस्य श्री आर्द्र पटि महाविद्यामंत्रस्य दुर्वाषा ऋषि गायत्री छंद: हूँ वीजं स्व: शक्ति: मम अमुक शत्रुनिग्रहर्थे जपे विनियोग

इस मंत्र को कंठस्थ कर लें और यहाँ दी जा रही विधि से शत्रु को नष्ट करें| इस विधि को करने के बाद आपका शत्रु पूरी तरह से पस्त हो जायेगा और वह चाहकर भी आपका बुरा नहीं कर पायेगा|

इस पुतला मारण मंत्र का प्रयोग करने से पहले अपने शत्रु के पैर के नीचे की थोड़ी से मिट्टी प्राप्त कर लें| इस मिट्टी से एक छोटा सा मानव पुतला बना लें| अब इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए शुल्क पक्ष में अष्ठमी के दिन से चौदहवी तक प्रतिदिन इस मंत्र 108 बार उच्चारण करें|

चौदहवी के दिन पुतले के सामने रखकर किसी बकरे की बलि दें और उस पुतले को खून से नहला दें| आप बकरे की जगह अपने ऊँगली से खून निकालकर उसका प्रयोग भी कर सकते हैं| अब एक कपड़ा लेकर उसे खून में लथपथ कर लें| इस कपड़े को पुतले से लपेट दें और अपने पास रख लें|

जैसे-जैसे खून का कपड़ा सूखता जायेगा वैसे-वैसे आपके शत्रु का शरीर बिमारियों के चपेट में आने लगेगा और जल्द ही उसका मारण कार्य हो जायेगा| मारण कार्य सही नहीं माना जाता इसलिए जब बहुत ही आवश्यक हो तभी इस कार्य को करें|

महाकाली मारण मंत्र

अगर आपका शत्रु आपको को बहुत तंग कर रहा है तो आप महाकाली मारण मंत्र का प्रयोग करके अपने शत्रु से छुटकारा पा सकते हैं| महाकाली मारण मंत्र बहुत शक्तिशाली होते हैं| इसके प्रयोग से परिचित अपरिचित हर तरह से शत्रुओं का विनाश होता है|

महाकाली मारण मंत्र इस प्रकार हैं-

ॐ नम: भगवते महाकाल भैरवाय कालाग्नी तेज से (दुश्मन का नाम) में शत्रुम् मारय मारय पोथ य हुम् फट स्व:

अगर आप ऊपर दिए गए मंत्र का उच्चारण प्रतिदिन 1000 बार करते हैं तो इससे आपके शत्रु का नाश हो जाता है| इस मंत्र में जहाँ पर (दुश्मन का नाम) लिखा हुआ है वहां पर उस दुश्मन का नाम लें जिसे आप सबक सीखना चाहते हैं| लगातार 29 दिन तक मंत्र उच्चारण करने पर आपको इसका परिणाम दिखाई देगा|

एक अन्य मंत्र इस प्रकार है-

ॐ क्लीं कंकाल कपालनी कुटुम्बरी आडम्बरी भकार ध: ध:

ऊपर दिए गए मंत्र को सिद्ध करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें| सिद्ध करने के बाद अपने दाहिने हाथ में थोड़ी सी मिट्टी उठाकर 7 बार मंत्र का उच्चारण करें| ये महाकाली मारण मंत्र बहुत ही शक्तिशाली है| इस मंत्र से किसी भी शत्रु को पूरी तरह ख़त्म किया जा सकता है|

कुछ महाकाली शत्रु मारण मंत्र बहुत ही सरल हैं| यहाँ ऐसे ही एक सरल मंत्र विधि का वर्णन किया जा रहा है|

मंत्र इस प्रकार है – ॐ हूं हूँ फट्ट स्व:

इस मंत्र को सिद्ध करने के लिये शनिवार की मध्य रात्रि को उठकर किसी एकांत स्थल में बैठ जाएँ और इस मंत्र का उच्चारण 1008 बार करें| मंत्र उच्चारण करने के दौरान रुके नहीं जब तक की 1008 बार उच्चारण पूरा न हो जाए| इस मंत्र के सिद्ध होते ही आपका शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा|

किया कराया वापस करने का मंत्र